ब्लड कैंसर मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद जीवन में जगी नई आस

Feb 26 2022

ब्लड कैंसर मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद जीवन में जगी नई आस
बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद शरीर शिथिल, लेकिन दिल-फेफड़े काम करते हैं: मनोज सिंह

India Emotions, लखनऊ। पीजीआई के हिमेटोलॉजी विभाग के टेक्नीशियन मनोज सिंह ने शनिवार को पीजीआई में एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के तत्वाधान में आयोजित टेक्नोकॉन कॉन्फ्रेंस में कहा कि ब्लड कैंसर मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद जीवन में नई आस जगी है। यह तकनीक काफी सफल है।

128 मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण
स्टेम सेल डोनर के शरीर के अस्थि मज्जा (बोन मैरो) व रक्त संचरण से लेकर मरीज को प्रत्यारोपित करते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान में 128 मरीजों में स्टेम सेल प्रत्यारोपण हो चुका है। कॉन्फे्रंस का उदघाटन संस्थान के निदेशक डॉ. आर के धीमन और सीएमएस डॉ. गौरव अग्रवाल ने किया। इस मौके पर 10 प्रदेशों से करीब 200 टेक्नीशियन मौजूद रहे। संस्थान के टेक्नीशियन धीरज सिंह द्वारा वीडियो लैरिंगोस्कोप व सुनील प्रकाश वर्मा तथा चंद्रेश कश्यप द्वारा बनाए गए इको प्रोब होल्डर का प्रदर्शन किया गया।

प्री एनेस्थीसिया चेकअप
सरोज वर्मा जो पीजीआई के रेडियोलॉजी विभाग के टेक्नोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन से पहले एक्सरे में फेफड़ों व दिल समेत कई अंगों की कार्य क्षमता व उनकी स्थिति का पता चल जाता है। इसलिए ऑपरेशन से पहले डॉक्टर पीएसी (प्री एनेस्थीसिया चेकअप ) में हर मरीज के खून व ईसीजी के साथ एक्सरे जरूर कराते हैं।

इंजेक्शन देने के बाद शरीर शिथिल
सरोज ने बताया कि बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद पूरा शरीर शिथिल हो जाता है लेकिन पीजीआई के हिमेटोलॉजी विभाग के टेक्नीशियन मनोज सिंह ने पीजीआई में एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के तत्वाधान में आयोजित टेक्नोकॉन कॉन्फ्रेंस में कहा,कि दिल व फेफड़े लगातार काम करते हैं।

इस मौके पर कॉन्फ्रेंस के आयोजक सचिव राजीव सक्सेना, एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. एस पी अंबेश व ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ एनस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के महामंत्री फिरोज आलम उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एन के चौरसिया द्वारा की गई।